RBI Rules Updates : आजकल घर खरीदने से लेकर पढ़ाई या बिजनेस तक, हर चीज़ के लिए लोन लेना एक आम बात हो गई है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि आपके लोन पर बैंक आपसे चुपचाप ज्यादा ब्याज वसूल सकते हैं? अगर नहीं, तो अब सतर्क हो जाइए, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस पर बड़ा कदम उठाया है।
क्या कर रहे थे बैंक?
कई बैंक अब तक लोन ग्राहकों से ऐसे समय का भी ब्याज वसूल रहे थे, जब उन्हें लोन की राशि मिली ही नहीं थी। जैसे – लोन पास हो गया लेकिन पैसा कुछ दिन बाद मिला, फिर भी ब्याज उसी दिन से जोड़ दिया गया। इतना ही नहीं, महीने के बीच में लोन मिला हो, तो भी पूरा महीने का ब्याज वसूल लिया जाता था।
RBI ने क्या कहा?
RBI ने साफ कर दिया है कि अब बैंकों को ब्याज की गणना उसी दिन से करनी होगी जब लोन की रकम ग्राहक को वास्तव में मिलती है। साथ ही, अगर कोई ग्राहक लोन का कुछ हिस्सा चुका चुका है, तो बची हुई रकम पर ही ब्याज लगना चाहिए, न कि पूरी पर।
ब्याज की सही गणना कैसे हो?
RBI के मुताबिक, बैंकों को पूरी पारदर्शिता के साथ ब्याज की गणना करनी होगी। जैसे कि अप्रैल 2025 में रेपो रेट घटाकर 6% कर दी गई है, तो फ्लोटिंग रेट वाले लोन की EMI भी कम होनी चाहिए। मान लीजिए 50 लाख के होम लोन की ब्याज दर 8.75% से घटकर 8.50% हो जाए, तो EMI में भी करीब 800 रुपये तक की राहत मिलती है।
फिक्स्ड बनाम रिड्यूसिंग बैलेंस लोन – कौन बेहतर?
फ्लैट रेट (फिक्स्ड) लोन में पूरे लोन अमाउंट पर शुरुआत में ही ब्याज तय हो जाता है। इसमें आप ज्यादा ब्याज चुकाते हैं। वहीं, रिड्यूसिंग बैलेंस में जितनी राशि बाकी होती है, उसी पर ब्याज लगता है, जिससे लोन सस्ता पड़ता है।
पेनल्टी अब ब्याज में नहीं लगेगी
RBI ने एक और बड़ा बदलाव किया है। पहले अगर कोई लोन शर्त तोड़ता था, तो बैंक ब्याज दर बढ़ा देते थे। अब ऐसा नहीं होगा। पेनल्टी चार्ज अलग से तय होगी और उसे लोन एग्रीमेंट में साफ-साफ लिखा जाएगा।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का फोकस
बैंकों को अब चेक देने की बजाय लोन राशि सीधे ऑनलाइन भेजने के निर्देश मिले हैं, जिससे लोन का पैसा समय पर मिले और अनावश्यक ब्याज न लगे।
आपके पास क्या विकल्प हैं?
अगर आपको लगता है कि बैंक ने आपसे ज्यादा ब्याज या चार्ज वसूला है, तो अब आप खुलकर बैंक से शिकायत कर सकते हैं। RBI के नियम आपके साथ हैं।
लोन लेने से पहले ध्यान रखें ये बातें
- अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरें जरूर तुलना करें
- लोन एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें
- EMI कैलकुलेटर से खुद गणना करें
- फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट का अंतर समझें
- प्री-पेमेंट चार्ज की जानकारी लें
RBI के ये नियम लोन लेने वालों को राहत देने के लिए हैं। अब बैंक की मनमानी नहीं चलेगी और ग्राहकों को ज्यादा पारदर्शिता मिलेगी। तो अगली बार जब लोन लें, तो पूरी जानकारी के साथ लें।