अगर लोन NPA में गया तो क्या होगा? बैंक क्या कर सकता है, पूरी डिटेल पढ़िए – RBI Rule

By Prerna Gupta

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Rbi rule

RBI Rule : आजकल लोन लेना जितना आसान हो गया है, उतना ही मुश्किल हो गया है उसे समय पर चुकाना। चाहे होम लोन हो, कार लोन या पर्सनल लोन, अगर आपने समय पर EMI नहीं दी, तो आपका लोन NPA बन सकता है। और अगर ऐसा हुआ, तो न सिर्फ बैंक की नजर में आप डिफॉल्टर कहलाएंगे, बल्कि आपका क्रेडिट स्कोर भी बर्बाद हो जाएगा।

RBI कैसे रखता है बैंकों पर नजर?

देश के सभी बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFCs) सीधे RBI के नियमों के तहत काम करती हैं। RBI ये तय करता है कि बैंक किस तरह से लोन दें, वसूल करें और ग्राहक के साथ कैसा व्यवहार करें। अगर कोई बैंक नियमों का उल्लंघन करता है, तो RBI उनके खिलाफ कार्रवाई भी करता है।

NPA क्या होता है?

एनपीए का मतलब होता है – नॉन परफॉर्मिंग एसेट। यानी ऐसा लोन जिससे बैंक को समय पर पैसा नहीं मिल रहा। जब कोई ग्राहक लगातार 90 दिनों तक EMI नहीं देता, तो बैंक उस लोन को NPA घोषित कर देता है। NBFCs में ये समय 120 दिन होता है।

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NPA बनने के नुकसान

अगर आपका लोन NPA घोषित हो गया, तो इसका सबसे बड़ा असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है। क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो जाती है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो जाता है। बैंकों की नजर में आप जोखिम भरे ग्राहक बन जाते हैं।

NPA के तीन प्रकार – स्टेज दर स्टेज

  1. सब-स्टैंडर्ड एसेट: जब 3 महीने तक EMI नहीं आती।
  2. डाउटफुल एसेट: अगर एक साल तक भी पैसा वापस न आए।
  3. लॉस एसेट: जब बैंक को लगता है कि अब पैसा मिलना नामुमकिन है।

हर स्टेज पर बैंक रिकवरी के लिए कोशिश करता है, लेकिन अगर फिर भी पैसा नहीं मिला, तो मामला नीलामी तक पहुंच जाता है।

क्या करेगा बैंक अगर लोन नहीं चुकाया?

RBI के गाइडलाइन के मुताबिक, बैंक सबसे पहले आपको कई रिमाइंडर भेजते हैं। अगर फिर भी पेमेंट नहीं होती, तो वो आपकी गारंटी रखी संपत्ति – जैसे घर या कार – को जब्त कर सकते हैं। आखिर में, उसे नीलाम करके अपनी रकम वसूलते हैं।

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बैंक के लिए भी अच्छा नहीं है NPA

ज्यादा NPA होने से बैंकों की हालत भी कमजोर होती है, क्योंकि उन्हें अपना पैसा वापस नहीं मिलता। इससे उनके अन्य ग्राहकों को भी नुकसान हो सकता है, और बैंक की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं।

क्या करें ताकि लोन NPA न बने?

  • समय पर EMI चुकाएं
  • बैंक से संपर्क करें अगर देरी हो रही है
  • रिस्ट्रक्चरिंग का ऑप्शन पूछें
  • सिबिल स्कोर की निगरानी रखें

लोन लेकर उसे चुकाना एक जिम्मेदारी है। अगर आप समय पर भुगतान नहीं करेंगे तो सिर्फ आपकी संपत्ति ही नहीं, आपकी साख भी दांव पर लग सकती है। RBI के नियम आपकी और बैंक दोनों की सुरक्षा के लिए हैं, इसलिए इन्हें समझना बेहद जरूरी है।

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