Bank Cheque Bounce : अगर आप किसी को चेक दे रहे हैं, तो यह बहुत जरूरी है कि आपके बैंक खाते में पर्याप्त रकम हो। अगर खाते में बैलेंस कम हुआ, तो चेक बाउंस हो सकता है — और इसके गंभीर कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं। चेक बाउंस का मामला जुर्माना और जेल, दोनों का कारण बन सकता है।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि चेक बाउंस होने पर क्या होता है, इससे कैसे बचा जा सकता है और क्या हैं इससे जुड़े कानूनी नियम।
चेक बाउंस होने के कानूनी परिणाम
- चेक बाउंस का मामला निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) के तहत आता है।
- अगर आपका चेक बाउंस होता है, तो आप पर अधिकतम 2 साल की जेल, जुर्माना, या दोनों लग सकते हैं।
- यह अपराध जमानती है, लेकिन कोर्ट में दोषी साबित होने के बाद सजा से बचना मुश्किल होता है।
चेक बाउंस होने पर क्या प्रक्रिया होती है?
- लीगल नोटिस:
जब चेक बाउंस होता है, तो चेक लेने वाला व्यक्ति (धारक) चेक जारी करने वाले को 15 दिनों के अंदर लीगल नोटिस भेजता है। - भुगतान का मौका:
नोटिस मिलने के बाद चेक जारीकर्ता को 15 दिन का समय दिया जाता है कि वह बाउंस की गई राशि चुका दे। - कोर्ट केस:
अगर पैसे नहीं दिए जाते, तो चेक धारक 30 दिनों के भीतर कोर्ट में केस दर्ज कर सकता है।
किस धारा के तहत दर्ज होता है केस?
- चेक बाउंस का केस धारा 138 और 139 के तहत दर्ज होता है।
- साल 2019 में कानून में बदलाव कर 20% तक अंतरिम मुआवजे का प्रावधान जोड़ा गया।
- अब आरोपी से कोर्ट में पेशी के समय या अपील के दौरान अंतरिम मुआवजा देने को कहा जा सकता है।
क्या तुरंत जेल हो जाती है?
- नहीं। जब तक कोर्ट अंतिम फैसला नहीं देता, तब तक आरोपी जेल नहीं जाता।
- अगर आरोपी दोषी साबित होता है, तो उसे जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
क्या सजा के खिलाफ अपील हो सकती है?
- हां। भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 374(3) के तहत दोषी को सेशन कोर्ट में अपील करने का अधिकार होता है।
- धारा 389(3) के तहत दोषी जमानत पर रिहा होने की अर्जी भी दे सकता है।
मुआवजा कितना हो सकता है?
- धारा 357 CrPC के तहत कोर्ट पीड़ित को मुआवजा देने का आदेश दे सकता है।
- यह मुआवजा चेक की रकम से दोगुना भी हो सकता है।
क्यों जरूरी है सतर्क रहना?
- अगर आपने किसी को चेक दिया है, तो सुनिश्चित करें कि आपके खाते में उतनी रकम हो।
- चेक बाउंस को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है — इसमें ना सिर्फ आर्थिक नुकसान, बल्कि कानूनी कार्रवाई और आपकी साख को भी नुकसान हो सकता है।
चेक बाउंस का मामला भारत में एक गंभीर अपराध माना जाता है। यह सिर्फ तकनीकी गलती नहीं, बल्कि कानूनी जुर्म भी हो सकता है। चेक जारी करते समय ध्यान रखें कि बैंक खाते में पर्याप्त राशि हो। अगर गलती से चेक बाउंस हो गया है, तो 15 दिन के अंदर राशि चुका कर आप कानूनी मुसीबत से बच सकते हैं।