ATM Transaction Charges – अगर आप भी हर छोटे-बड़े खर्च के लिए एटीएम का रुख करते हैं, तो अब आपको थोड़ा सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि ATM से पैसे निकालना पहले से ज्यादा महंगा हो गया है। रिजर्व बैंक ने ATM ट्रांजैक्शन से जुड़े नए नियम लागू कर दिए हैं, जो 28 मार्च 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। इसका असर सीधे आपकी जेब पर पड़ने वाला है।
अब खत्म हुई फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा
पहले आपको महीने में अपने बैंक के ATM से 5 बार फ्री ट्रांजैक्शन करने का मौका मिलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब अगर आप फ्री लिमिट से ज्यादा ट्रांजैक्शन करते हैं, तो हर बार आपको 23 रुपये का चार्ज देना होगा। पहले ये चार्ज 21 रुपये था, लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है। इतना ही नहीं, इस चार्ज पर GST भी लगेगा। यानी कुल मिलाकर हर बार पैसे निकालने पर आपकी जेब और हल्की होगी।
नॉन-फाइनेंशियल कामों पर भी लगेगा चार्ज
अब सिर्फ पैसे निकालना ही नहीं, बल्कि अगर आप बैलेंस चेक करने या मिनी स्टेटमेंट निकालने जैसे छोटे-छोटे कामों के लिए भी ATM का इस्तेमाल करते हैं, तो भी आपको 23 रुपये देने होंगे। कई बैंक तो नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए 11 रुपये तक का चार्ज ले रहे हैं। ये बदलाव उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करेगा, जो बार-बार बैलेंस चेक करते हैं या मिनी स्टेटमेंट निकालते हैं।
मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में अलग-अलग लिमिट
नए नियमों के मुताबिक मेट्रो शहरों में रहने वाले ग्राहकों को सिर्फ 3 बार ही फ्री ट्रांजैक्शन करने का मौका मिलेगा। वहीं, नॉन-मेट्रो यानी छोटे शहरों और कस्बों में रहने वाले ग्राहकों को 5 बार की फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा दी जाएगी। अगर आप किसी दूसरे बैंक के ATM से पैसे निकालते हैं, तो फ्री लिमिट खत्म होते ही 23 रुपये देने होंगे।
सबसे ज्यादा असर किन पर पड़ेगा
इस नए नियम का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर होगा जो रोजाना ATM का इस्तेमाल करते हैं या छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन के लिए बार-बार पैसे निकालते हैं। गांवों और छोटे शहरों में जहां डिजिटल पेमेंट का चलन कम है और बैंक के ATM भी कम ही मिलते हैं, वहां रहने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
छोटे व्यापारी, मजदूर और नौकरीपेशा लोग जो महीने में कई बार थोड़ी-थोड़ी रकम निकालते हैं, अब उन्हें हर ट्रांजैक्शन के लिए चार्ज देना होगा। इसका सीधा असर उनकी जेब पर पड़ेगा।
कौन-कौन से बैंक ले रहे हैं ये चार्ज
देश के कई बड़े बैंक जैसे SBI, HDFC, PNB और इंडसइंड बैंक ने ये नए नियम लागू कर दिए हैं। इन बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया है कि फ्री लिमिट के बाद हर ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगेगा। PNB ने तो नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर भी अलग से 11 रुपये चार्ज करने की बात कही है।
कैसे बचा जा सकता है इन चार्ज से
अगर आप बार-बार ATM जाने की आदत से बचना चाहते हैं और इन चार्ज से बचना चाहते हैं, तो आपको अपने पैसों की प्लानिंग करनी होगी। जरूरत हो तो एक बार में ही ज्यादा पैसे निकालें ताकि बार-बार ATM का इस्तेमाल न करना पड़े। इसके अलावा, नॉन-फाइनेंशियल कामों के लिए बैंक की मोबाइल ऐप या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें।
आजकल लगभग हर बैंक की मोबाइल ऐप में बैलेंस चेक, मिनी स्टेटमेंट, और अन्य सुविधाएं मुफ्त में मिलती हैं। इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट जैसे UPI, डेबिट कार्ड और मोबाइल पेमेंट को अपनाकर भी ATM पर निर्भरता कम की जा सकती है।
डिजिटल पेमेंट को मिलेगा बढ़ावा
यह बदलाव जहां एक ओर आम लोगों के लिए मुश्किलें ला सकता है, वहीं दूसरी ओर सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम को भी सपोर्ट करता है। इन चार्ज के चलते लोग अब डिजिटल पेमेंट की ओर ज्यादा आकर्षित हो सकते हैं। हालांकि इसके लिए ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने की भी जरूरत है।
ATM ट्रांजैक्शन पर बढ़े हुए चार्ज का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ने वाला है। फ्री लिमिट की सुविधा अब बहुत सीमित हो गई है और हर ट्रांजैक्शन पर 23 रुपये का खर्च आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। ऐसे में समझदारी इसी में है कि आप अपने ट्रांजैक्शन्स को सीमित रखें, डिजिटल पेमेंट को अपनाएं और जहां तक हो सके अपने बैंक के ATM का ही इस्तेमाल करें।