8th Pay Commission : जनवरी 2024 में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा की, जिससे करीब 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी उत्साहित हो गए हैं। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस बार कितनी सैलरी बढ़ेगी, और फिटमेंट फैक्टर क्या होगा।
फिटमेंट फैक्टर: वेतन बढ़ोतरी का सबसे अहम पहलू
हर वेतन आयोग की सबसे बड़ी चर्चा फिटमेंट फैक्टर को लेकर होती है। यह एक गुणांक (मल्टीप्लायर) होता है, जिसके जरिए मौजूदा बेसिक वेतन को गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹18,000 है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.86 हो, तो नया वेतन ₹51,480 होगा।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि यह वृद्धि पूरी तरह “नई” नहीं होती, क्योंकि इसमें महंगाई भत्ते (DA) का भी समायोजन होता है। इसलिए फिटमेंट फैक्टर जितना बड़ा हो, जरूरी नहीं कि वास्तविक वेतन उतना ही बढ़े।
पिछले आयोगों से क्या सबक मिला?
- 2006 में 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिससे औसत सैलरी 54% बढ़ी।
- 7वां वेतन आयोग (2016) में यह बढ़कर 2.57 हुआ, लेकिन वास्तविक बढ़ोतरी सिर्फ 14.2% ही रही क्योंकि इसमें DA मर्ज कर दिया गया था।
8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीदें?
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 होना चाहिए, ताकि महंगाई से राहत मिले। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह संभव नहीं है।
पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग के अनुसार, सरकार 1.92 का फिटमेंट फैक्टर तय कर सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो न्यूनतम बेसिक वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 हो सकता है — यानी करीब 92% की वृद्धि।
क्या इतनी बढ़ोतरी वास्तव में मिलेगी?
वर्तमान में कर्मचारियों को लगभग 50% महंगाई भत्ता मिल रहा है। यदि यह मर्ज किया गया, तो 1.92 में से एक बड़ा हिस्सा DA का ही होगा। अनुमान है कि असल वेतन बढ़ोतरी 42% के आसपास हो सकती है — जो पिछली बार की 14.2% से कहीं बेहतर होगी।
सरकार की तैयारी और आगे की प्रक्रिया
सरकार ने वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और 40 पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। जल्द ही आयोग के अध्यक्ष और सदस्य चुने जाएंगे, और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी किया जाएगा। संभावना है कि 1 जनवरी 2026 से यह आयोग लागू हो जाएगा।
क्या होगा सरकारी खजाने पर असर?
7वें वेतन आयोग से सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था। इसलिए इस बार भी सरकार बजट और कर्मचारियों के हितों में संतुलन बनाकर ही फैसला लेगी। 1.92 का फिटमेंट फैक्टर एक व्यवहारिक और संतुलित विकल्प माना जा रहा है।
क्या फायदा मिलेगा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को?
- न्यूनतम सैलरी ₹34,560 तक जा सकती है,
- DA, HRA, TA, और अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी संभव है,
- पेंशन भी नए बेसिक वेतन के आधार पर री-कैलकुलेट होगी।
8वां वेतन आयोग न केवल कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी एक नई उम्मीद है। हालांकि, असली लाभ फिटमेंट फैक्टर और DA मर्जर के तरीके पर निर्भर करेगा। 2026 में 8वा वेतन आयोग लागु होने के उम्मीद है।